आत्मरक्षा दुबली-पतली 22 वर्षीया रेशमा एम.ए. फायनल ईयर की एक होनहार स्टूडेंट थी। पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, अच्छे व्यवहार और खूबसूरती में भी वह अपने कॉलेज में नंबर वन थी। कुछ महीने पहले ही उसके पिताजी का देहांत हो गया था। एक दिन शाम को वह कॉलेज से घर लौट रही थी, तो कुछ गुंडों ने उसका अपहरण कर लिया। गुंडे उसके मुँह और आँखों में कपड़ा बाँध दिए थे। जब उसे खोला गया, तो उसने खुद को एक कमरे में हाथ-पैर से बंधा हुआ पाया, जहाँ दो गुंडे उसकी इज्ज़त से खेलने को उतावले हो रहे थे। "देखो डॉर्लिंग, यहाँ