1.मन मेरा घबराता तुम बिन कुछ भी ना सुहाता तुम बिन क्या होली क्या दशहरा कुछ भी ना भाता तुम बिन आओ हम तुम मिलकर खुशियाँ मनाएं साथ मिलकर झूमें गायें तेरे शान पे रखकर सरमीठी नींद हम सो जाएँ आंखों से तेरे पी पीकरमन को हम मदमस्त बनाएं गाओ तुम कोई गीत सुरीली हम तेरे सुर पर जान लुटाएंबांहों में भरकर करें कुछ वादें कुछ तुम अपनी सुनाओ कुछ हम अपनी सुनाएं मिलन के इस पल में आओ हम तुम स्वप्न सजाएं।2.दर्द छुपता नहीं कभी छुपाने सेलोग छलते गये हमें बहाने सेवक्त से क्या करें शिकायत हम कैसे तौबा