1.मेरी खामोशी का शोर वो बड़ी जोर से सुनता है।जो बात मैं कहता नहीउसको वो ज्यादा गौर से सुनता है।।देर है पर अंधेर नहीऐसी कोई रात नही जिसकी सवेर नही।हां कभी कभी रात का दर्द ऐ अफसानावो तड़के भोर को सुनता है।।ना हाथ फैलाता हूं कभीना हाथ जोड़ता हूं कभी।ना पूरब को बैठता हूंना पश्चिम को कभी।किसी एक दिशा का वो राजा थोड़ी है वो तो आकाश है चारो ओर से सुनता है।।अब मेरा साथ मत छोड़नाबिलकुल आखरी सीढ़ी पर हूगिरा तो मर जाऊंगाकृपया मेरा हाथ मत छोड़ना।। 2.ऐसा नहीं होता वैसा नहीं होता?जिंदगी इक ख्वाब है प्यारेख्वाबों में भलाक्या