रिश्तों का सफर

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1.जिसने किया है कत्ल मेरे इस दिल का, वो कोई और नहीं दोस्त बल्कि प्यार था हमारा।। 2.यह मोहब्बत है ठगों की बस्ती,एक पल में बदल देती है हस्ती,आशिक़ रहते है इश्क़ में बैचेन,इश्क़ जाता है उजाड़ कर बस्ती।।3.आया था गाँव से शहर जाने कितने ख्वाब लेकर, शहर से जब लौटा तो वो किसी और की दुल्हन हो चूकी थी।। 4.हर साल की तरह इस साल भी सूनी रहेगीं कलाई मेरी, यही बातें कहकर आज उदास हो गयी आज माई (माँ) मेरी।। 5.जिसके खातिर घर में ताने सुनें हमने, बदले में उससे केवल बहाने सुनें हमने।। 6.सुबह होतें टूट जाऊँ