एक थी नचनिया - भाग(३९)

  • 1.7k
  • 681

इधर ये सब रामखिलावन और मोरमुकुट सिंह ने नहीं सोचा था कि जुझार सिंह ऐसा कुछ करेगा,इसलिए ऐसी बात उन सभी के दिमाग़ में नहीं आई और तीसरी रात को ही पानकुँवर कस्तूरी को अस्पताल के बगीचे में घुमाने ले आई और रुमाल में कुछ ऐसी दवा डालकर उसे सुँघा दी जिससे कि कस्तूरी बेहोश हो गई , बगीचे में ही जुझार सिंह के दो गुण्डे छुपे हुए बैठे थे और मौका देखकर वे गुण्डे कस्तूरी को एक बोरे में डालकर अस्पताल से बाहर ले गए ,साथ साथ पानकुँवर भी उनके साथ अस्पताल से बाहर चली गई और उधर खण्डहर