गोविंद के विवाह के बाद निर्मला भी अपने भाई और भाभी से मिलना चाह रही थी। वह केवल सभी मेहमानों और अपने माता पिता के गाँव वापस लौटने का इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही उसे पता चला कि सब लोग अपने-अपने घर लौट चुके हैं, वह तुरंत ही गोविंद से मिलने उसके घर आ गई। गोविंद ने निर्मला को देखते ही उसे गले से लगाते हुए कहा, “जीजी तुम्हारे बिना मेरी शादी तो हो गई लेकिन रौनक ना आ पाई।” निर्मला ने उसके माथे का चुंबन लेते हुए कहा, “क्या करूं गोविंद हालात ही ऐसे हो गए थे लेकिन