कहते हैं अगर प्यार हकीकत में पूरा ना हो तो कल्पनामें पूरा होता है ऐसे ही दो लोगों की कहानी है जिनका प्यार अधूरा रह गया । प्यार करने वाला अगर पावरफुल हो बिजनेसमैन हो या फिर माफिया पॉलिटिक्स में हो तो वो चल कपट शाम साम दाम दंड भेद करके अपने प्यार को किसी भी कीमत पर हासिल कर ही लेता है लेकिन क्या हो जब प्यार ऐसे दो लोगों को हो जाए जिसके पास कोई पावर नहीं हो और ना ही कोई सपोर्टर हो बस आंखों से शुरू हुआ प्यार दिल में सिमट कर ही रह जाए जहां