शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु नवचिन्तन अधिक उपयोगी शिक्षा का गुणात्मक ह्रास आज चिंता का विषय है । शिक्षा व्यक्ति , समाज एवं राष्ट्र के विकास में नही सिद्ध हो पा रही है । शिक्षा मनुष्य के वर्तमान और भविष्य का निर्माण करती है अत : इसके स्तर में दिनोदिन होने वाली गिरावट चिंता का विषय है । शिक्षा अपने मूल उद्देश्य से भटक कर ज्ञानपरक होने की बजाय अर्थपरक होती जा रही है शिक्षा जगत में व्यवसायी करण बढ़ रहा है शिक्षा वर्तमान से अनुकूलन करने में असफल सिद्ध हो रही है वही भविष्य की भी संभावनाएं शिक्षा से