मोबाइल मजदूर‘‘अरे वाह रे भैया… यह पुल का काम तो द्रौपदी के चीर की तरह हो गया है… एक बार शुरू तो हो गया, पर खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है, ’’ पेड़ के नीचे बैठे लड़कों से एक बूढ़े चाचा ने कहा. ‘‘हां चाचा… यह सब तो सरकारी कामकाज है… कभी काम शुरू तो कभी काम बंद.’’ ‘‘पर कुछ भी कहो… जब भी इस पुल का काम शुरू होता है, तो फायदा तो गांव के बेरोजगार मजदूर लड़के और लड़कियों का होता है, जो उन को घर बैठे ही कामधाम मिल जाता है.’’ गांव के कुछ ही