श्रीलक्ष्मी जी

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श्रीकमला (श्रीलक्ष्मी जी) भगवती लक्ष्मी जी विष्णुवल्लभा हैं, वे भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं। उनके विषय में बताते हुए पराशर जी श्रीमैत्रेय जी से कहते हैं— हे द्विजश्रेष्ठ! भगवान् ‌का कभी संग न छोड़ने वाली जगज्जननी लक्ष्मी जी नित्य हैं और जिस प्रकार श्री विष्णु भगवान् सर्वव्यापक हैं, वैसे ही ये भी हैं। विष्णु अर्थ हैं तो लक्ष्मीजी वाणी हैं; हरि न्याय हैं तो ये नीति हैं; भगवान् विष्णु बोध हैं तो ये बुद्धि हैं; तथा वे धर्म हैं तो लक्ष्मीजी सत्क्रिया हैं। मैत्रेय! भगवान् जगत्के स्रष्टा हैं तो लक्ष्मीजी सृष्टि हैं। श्रीहरि भूधर (पर्वत अथवा राजा) हैं तो लक्ष्मीजी