क्या तुमने - भाग १३ (अंतिम भाग)

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अपनी बेचैनी को मिटाने का माया ने पक्का मन बना ही लिया। एक रात जब वह दोनों अपने कमरे में थे, तब माया ने सखाराम से पूछा, “सखा एक प्रश्न मेरे मन को बेचैन कर रहा है?” “जानता हूँ माया तुम्हारा प्रश्न क्या है? तुम जानना चाहती हो ना कि मुझे कैसे मालूम कि तुमने …” “हाँ सखा मैं जानना चाहती हूँ?” तब सखाराम ने कहा, “उस दिन रात को लगभग दो बजे जब मेरी नींद खुली मैंने देखा तुम बिस्तर पर नहीं थीं। मैंने सोचा बाथरूम गई होगी पर तुम काफ़ी देर तक वापस नहीं आई तो मैं डर