अयाची के ऐसे पलटते देख याचना कि आंख नम हो गई l कुछ नहीं कह रहे तेरे दादा वादा समझी!!! चुपकर चल मेरे साथ l उसे लगभग अपनी तरफ़ खिचते हुये बोली याचना खुद को संयत कर..... चन्द्रा तू इतने देर से क्यों आई है आखिर हमारी शादी और हमारी एकलौती सखी हो तुम!!! चन्द्रा याचना को आश्चर्य से देखती हुई!! तू पागल वागल हो गई है! क्यों क्यों कर रही है शादी? सभी शादी करते हैं मैं भी कर रही हूँ! मैं बहुत खुश हूँ अब तू कुछ मत कहियो तुझे मेरी कसम है!!! और हाँ शादी के मजे