डरावनी रात

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डरावनी रातजाड़े के महीने की उस भयंकर रात को भी मेरे सिर के ललाट पर पसीने की मोती जैसी बूँदें बरस रही थी। नहीं! वह पसीने की बूंदें गर्मी की वजह से नहीं बल्कि डर की वजह से था। मेरा नाम धरमा है, दिसंबर माह था, मैं केवल 11 - 12 साल का था जब मेरे माता - पिता कुछ पारिवारिक जरूरी काम से दूसरे गाँव गये हुए थे और घर पर ( मुझ को, मेरे बड़े भाई, मेरे मझले भाई और मेरी बड़ी दीदी को ) छोड़कर गए थे ताकि हम लोग हमारे घर की और पालतू जानवरों की