कौआएक समय की बात है, पढ़ाई के लिए बाहर दूसरे शहर में किराये का एक नया कमरा लिया है, उस के एक तरफ बालकनी लगी हुई थी। मुझे यहाँ पर सब कुछ बहुत पसंद है बस नहीं पसंद है, तो एक कौवे की आवाज ! जो अक्सर कमरें की बालकनी में आता है और कांव - कांव करता रहता है। मुझे उसकी वह कर्कश आवाज बिल्कुल पसंद नहीं इसलिए मैंने खिड़कियों के बाहर कांच लगा दिया है और खिड़कियों को हर वक़्त बंद रखता हूं। इतना करने के बाद भी वो कौआ वाह आता और कांच पर अपनी चोंच से