बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 2उपरोक्त सभी कारण वैधानिक होते थे, किंतु कई लोगों के कृत्य जो कुकृत्य की श्रेणी मे आते थे उन्हे यहाँ उल्लेखित नहीं किया जा सकता। इसका कार्यकाल अक्सर किशोरावस्था आता है, किंतु ना इस प्रकार की गुश्ताख़ियाँ हुई ना अनुभव है। कारण कुछ भी हो किंतु वह पिता का पुत्र के साथ अगाध प्रेम युक्त अनुशासन होता था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था मे पिता का संरक्षण, कठोरता नितांत आवश्यक थी हमें संस्कारित, चारित्रिक, सामाजिक, व्यक्तिगत जीवन की सीख और समझ के लिए। जिस प्रकार कुम्हार मिट्टी को पानी डाल घड़े योग्य बनाने हेतु पाँव (पैर)