प्रेम का पूर्वाभास - भाग 8

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छोटी मां बरसों से बेकरार थी अपने अंदर का सारा धुआं जहर निकालने के लिए इसलिए वह अपनी आंखों से आंसू पोंछ कर आदित्य को बताती है "राजस्थान के हमारे छोटे से गांव की पहचान मेरी बहन नंदिनी के जवान होने के बाद बनी थी, क्योंकि अगर कोई अनजान व्यक्ति भी नंदिनी को देख लेता था तो नंदिनी की खूबसूरती पर मोहित होकर नंदिनी को ढूंढते हुए हमारे गांव में जरूर आता था एक बार नंदिनी की खूबसूरती निहारने के लिए इसलिए पिता जी नंदिनी को गांव से बाहर नहीं जाने देते थे क्योंकि नंदिनी स्वर्ग की अप्सरा मेनका उर्वशी