और एक घंटे बाद प्रेम गुस्से में तमतमाता हुआ आदित्य के पास आकर कहता है "तू शेर नहीं चालाक लोमड़ी है, तूने दीपाली को क्यों बताया कि तूने नहीं मैंने अस्पताल में अरुणा का हाथ पकड़ा था।आदित्य समझ जाता है कि दीपाली का फोन आ गया है दीपाली के पास मेरा नंबर नहीं है, इसलिए उसने प्रेम को फोन किया है, मेरी बात अरुणा से करवाने के लिए।इसलिए वह प्रेम का गुस्सा शांत करने के लिए कहता है "अच्छा ही है ना दीपाली से तेरा पीछा छूट जाएगा फिर आजादी से अरुणा से प्रेम करियो।""बात में तो तेरी बहुत दम