"कहां चली आ रही है महारानी"मटरू की मां ने अपनी पालतू गाय गंगा को घर की तरफ आते हुए देखकर कहा।"यह नहीं कि बाहर से कुछ खा पी करके आए, सारा खाना घर में ही खाना है और दूध–वूध कुछ देना नहीं है"। "पता नहीं पंडित जी ऐसी मरी सी गाय कहां से उठा लाए हैं,छाती का पीपल बन गई है" ।"चल भाग यहां से यहां दिनभर खाना नहीं रखा रहता है,चल भाग"।मटरू की मां के इतने डांट फटकार और तानों के बाद भी जब गंगा वहां से नहीं गई तो मटरू की मां ने पास ही रखी एक लाठी