प्रायश्चित - 2

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अमन के शब्दों को सुन कर एक पल के लिए चुप हो गई अनुपमा।,, कहीं आप यह तो नही सोच रहे हो कि मैंने तो कभी आपसे प्यार किया ही नहीं,,।,, शायद, अगर आपने कभी मुझ से प्यार किया होता तो आप कभी यह नहीं कहती कि मुझे नफरत है तुम्हारी शक्ल से भी और तुम्हारा चेहरा देखकर मेरा सारा दिन खराब हो जाता है,,।,, यह बात नहीं है अमन, इनफेक्ट तुम बहुत झूठ बोलने लगे थे और फिर बहुत सारा कर्जा भी कर लिया था तुमने,,।,, हां मैं मानता हूं कि मैने झूठ बोलना शुरू कर दिया था और