पढ़त मूर्ख लक्षण सार:अधिकतर लोग अपनी आजीविका चलाने के उद्देश्य से पढ़ाई करते हैं। उनमें से कुछ अपने स्वार्थ, लालसा और अहंकार में मूर्खताएँ करते रहते हैं। ऐसे लोगों के पास सिर्फ किताबी जानकारी होती है, जिन्हें समर्थ रामदास पढ़त मूर्ख यानी पढ़ा-लिखा मूर्ख कहते हैं। अहंकार, दुराभिमान, स्वार्थ, लालच, मत्सर ये कुछ अवगुण हैं, जो ज्ञानी को पढ़तमूर्ख बनाते हैं। उससे ज्ञान की बातों का दुरुपयोग करवाते हैं। जिस तरह गोबर भरे बरतन में अगर खीर डाली जाए तो वह खीर दुर्गंधयुक्त हो जाती है, खाने लायक नहीं रहती, उसी तरह मन में यदि विकार हैं तो वह इंसान