" ये मेरे दिल की सालों पुरानी ख्वाहिश है जो अगर तुम्हारी सहमति होगी तो हमारी किस्मत बन जायेगी।" सौरभ बोला। सांझ को अब भी समझ नही आया कि वो क्या कहना चाहता है। " मैं तुम्हे प्यार करता हूँ सांझ। चाहता हूँ तुम्हे और अगर तुम्हारी हाँ है तो मै घर में बात करके तुमसे शादी करना चाहूंगा।" सौरभ बोला तो सांझ के पैरो तले जमीन खिसक गई। उसके चेहरे पर घबराहट आ गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। वह सौरभ को जानती थी बहुत अच्छे से पर उसने इस तरीके से कभी नहीं