मौर्यों की ही भाँति गुप्त वंश में भी अनेक महान् वीर तथा पराक्रमी सम्राट् हुए, जिन्होंने इस वंश के प्रभुत्व एवं कीर्ति में अभूतपूर्व वृद्धि की। मौर्यों के पतन के पश्चात् भारत को पुनः राजनीतिक स्थिरता एवं संगठन प्रदान करने का श्रेय गुप्त शासकों को ही है। गुप्त शासकों ने भारतवर्ष को न केवल एक बार फिर एक सूत्र में बाँधा, वरन् उनका युग कला एवं संस्कृति के सर्वतोन्मुखी विकास का भी युग था, जिसके कारण इस युग को प्राचीन भारतीय इतिहास के स्वर्ण युग की संज्ञा भी दी जाती है। गुप्तों के प्रारंभिक इतिहास की जानकारी देनेवाले प्रामाणिक एवं