माता ने आँखे खोली डॉ. गुणवती बेन्दुकुर्थी सड़क के किनारे निर्मित माता के इस छोटे से मंदिर की शोभा, आज देखते ही बनती है। वर्षो पुराने दरारो भरे दीवारों की मरम्मत कराई जा चुकी है। मरम्मती दीवारों को रंगवा कर गेंदे के फूलों की मालाओं से सजाया गया है। मंदिर के भीतर से बाहर आ रही धूप अगरबत्ती की सुगन्धित महक और पुजारी के मुख से उच्चारित मंत्र ध्वनि ने आस-पास के वातावरण को अत्यंत अत्याधमिक और मनोहारी बना दिया है। मंदिर के परिसर पर भक्तों की लंबी कतार बनी है, जहाँ भक्त हाथों में पूजा की थाली लिये