रात के तक़रीबन दस बजे होंगे । कविता अपनी सहेली अनुपमा के यहाँ से दावत के बाद घर लौट रही थी । कार राजेश ड्राइव कर रहा था । रास्ते में कविता ने राजेश से मुख़ातिब होते हुए कहा " राजेश तुमने अनुपमा का डाइंग रूम देखा ? सोफा सेट और सेंटर टेबल वाज़ सो अमेजिंग, हैं न? “हाँ ! वाकई देट वाज़ वैरी ब्यूटीफुल।” राजेश ने उसकी तरफ़ देखे बिना जवाब दिया । “तुम्हें पता है,मैं ने अनुपमा की फैमिली को इस मंडे लंच पर इनवाईट किया है ?" कविता ने राजेश की जानिब देखते हुए बताया ।राजेश ने