----------- चकल्लस ----------“अरे नामाकूलो, मेरा चश्मा कहाँ मर गया” मां जी पूरी ताकत से चिल्लाईं। “फिर ये शैतान की औलाद मेरा चश्मा उठाकर ले गए। मेरा तो इस घर में जीना मुहाल हो गया है। पता नहीं क्या खाकर पैदा किया है इन चुड़ैलों ने औलादों को। सारे दिन मेरे ही सामानों के पीछे पड़े रहते हैं। कभी कोई मेरा चश्मा उठाकर ले जाएगा तो कभी मेरी एक चप्पल कानपुर में मिलेगी तो दूसरी बरेली में। इस छोटे की औलाद तो इतनी अफलातून है कि शैतान भी शरमा जाय। लाख खिलौने बाप ने लाकर रख रखे हैं मगर इन्हे तो