दादा और पौत्रएक दस साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला, ”मैं बड़ा होकर बहुत सफल आदमी बनना चाहता हूं। क्या आप मुझे सफल होने के कुछ गुण दे सकते हैं?”दादा जी ने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया, और बिना कुछ कहे लड़के का हाथ पकड़ा और उसे करीब की पौधशाला में ले गए।वहां जाकर दादा जी ने दो छोटे-छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गए।वापस लौट कर उन्होंने एक पौधा घर के बाहर