प्यार की बातें - 3 - बड़े भैया

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बड़े भैयाबड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना, ’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार, ’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं, ’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल