लव इन मास्को

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वाजिद हुसैन की कहानीमे आई हैव योर अटेंशन, प्लीज़ (कृपया ध्यान दें) हम पंद्रह मिनट में मास्को हवाई अड्डे पर उतर रहे हैं। कृप्या अपनी सीट- बेल्ट बांध लीजिए, और इलेक्ट्राॅनिक उपकरण बंद कीजिए, धन्यवाद। ... ज़ेबा ने खिड़की से बाहर देखा। वे सफेद रूई की तरह चारों ओर फैले बादलों के बीच उड़ रहे थे। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि कुछ ही मिनट में वह मास्को पहुंच जाएगी। वह मास्को, जिसके बारे में उसने रशियन बुक्स में पढ़ा था, अपने परिचितों से सुना था और जिसके बहुत से चित्र भी देखे थे पर यह कभी नहीं सोचा