दस नामापराधहरि नाम की बहुत विलक्षण एवं अलौकिक महिमा है। स्वयं भगवान् भी अपने नाम की पूरी महिमा नहीं कह सकते, फिर ओर तो कोई कह ही कैसे सकता है। देखने में आया है कि भजन करने वाले भजन का पूरा लाभ नहीं ले पाते। कारण है नामापराध। भजन का पूरा लाभ लेने के लिए नामापराधों से बचना आवश्यक है।1. संत निन्दा – संतों व नाम निष्ठ भक्तों की निन्दा करने व सुनने से नाम महाराज रुष्ठ हो जाते हैं। वैसे तो निन्दा किसी की भी नहीं करनी चाहिए। उनमें भी संतों की तो भूल कर भी न करें। कई