सुनील ने कहा अरे बाबा अब भाव मत खा हां।।राज ने कहा अच्छा ठीक है।।।राज ने भी अपने अन्दाज से शुरू किया।तेरी बाहों मे ईश्क मेरा आबाद हो जाए खुद को भूल जाऊ बस तु ही तु याद हो जाए मे लिख लिख तेरी शायरी हर महफ़िल को लूट लू तेरे गुलाब होंठो से एक बार ईरशाद हो जाए तेरी बाहों मे ईश्क मेरा आबाद हो जाए तुम ना दिखो तो बारिश भी कुछ खास नही लगतीबिना तेरे सच कहूं भूख प्यास नही लगती कट तो जाता है फिर भी दिन किसी बहाने सेपर घबराता हूं फिर से कन्ही ना