हॉंटेल होन्टेड - भाग - 46

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पापा की बात सुनकर मैने उन्हे हल्का सा धक्का देकर नीचे की तरफ भागा, नीचे पहुंचकर मैं कमरे के बाहर जाकर रुका और हांफते हुए जब सामने का मंज़र देखा तो आंखो के आगे अंधेरा छाने लगा, सामने बेड पर माँ लेटी हुई इतनी गहरी गहरी सांसें ले रही थी की उनके सांसों की आवाज पूरे कमरे मैं गूंज रही थी, जिससे उनका पूरा शरीर ऊपर खींच रहा था उन्हे देखकर यह अंदाजा यह लगाया जा सकता था की उनको सांस लेने मैं कितनी दिक्कत हो रही है, उन तेज़ चलती सांसों की आवाज़ सुनकर मेरे दिल की धड़कने पल