जब रामसिंह का लिखा पत्र पेलान फूकन को मिला तो उसी समय उसने वह पत्र लाकर राजा को दिया । पत्र पढ़कर राजा आगबबूला हो गया। उसने तुरंत लचित को वापस बुलाकर इस बात की पूरी जाँच करनी चाही। राजा को कुछ समय से लचित की विश्वसनीयता पर संदेह तो था ही, परन्तु प्रधानमंत्री अतन बड़गोहाँई ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि - “यह बिल्कुल गलत है। लचित की ईमानदारी व देशभक्ति पर संदेह करना सरासर गलत है। यह अवश्य कोई षड्यंत्र है।”तब राजा ने लचित को एक चेतावनीभरा पत्र भेजा जिसमें लिखा था, “बड़फुकन! मैंने तुम्हें