महबूब जिन्न,, भाग - ०२ By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik' (SSR ️) विशेष :- यह सत्य घटना से प्रेरित है।“देख लेने दो...! क्या फर्क पड़ता है, वैसे भी सबको हम दोनों के बारे में पता है..।” - शकील ने शबीना को अपनी बाहों से आजाद करते हुए कहा। “हमारे अब्बू! को तो पता नहीं है न..?” - शबीना ने अपनी कालीं - कालीं दो बड़ी - बड़ी आँखें दिखाते हुए कहा। “नहीं....!”“तो मंजनू जी! अगर हमारे प्यारे अब्बू को पता चल गया न...? तो मिलना तो दूर की बात... हमारा स्कूल तक बंद करवा देंगे.... हमारे अब्बू जान!” असल