सुबह की गिरती ओस के साथ मौसम मैं ठंडक बिखरी हुई थी।नवंबर महीने की गुलाबी सुबह मैं में कॉलेज के गार्डन मैं बैठा अपनी सोच मैं डूबा हुआ था क्योंकि एक हफ्ते बाद आंशिका का बर्थडे आने वाला था उसने मेरे बर्थडे को मेरी जिंदगी का memorable day बनाया था, तो मैं भी उसे कोई ऐसी चीज देना चाहता था जो उसे एक Momentum की तरह हर पल एक खुशी का एहसास कराता रहे पर अभी कोई भी चीज दिमाग़ मैं नही आ रही थी।अभी क्लास शुरू होने मैं डेढ़ घंटे का वक्त था तो गार्डन मैं भी ज्यादा स्टूडेंट्स