शायरी - 16

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अब लगता है कि मेरे दिन भी भर गए।महफील सूनी और बंद कमरे भर गए।।आप मिले थे हमको वो एक दौर था मेरा।अब, अब की क्या कहें वो वक्त भी तो गुजर गए।।आप चाहते तो हम आपको आईना भी बना लेते।आप तो, आप हैं पत्थर पर मर गए।।अजीब रास्ता है अभी तक कोई मोड़ नही आया।कहानी अच्छी थी लेकिन दोस्त मजा नहीं आया।।वाह क्या जिंदगी है, कितना जीते हैं।हां जब तक मर नहीं रहे, तब तक जीते हैं।।चेहरे ने क्या धोखा दिया नया चेहरा लगा करआइना भी हैरान है ये करिश्मा देख करहमने कहा दिया था मशवरा आप को मोहब्बत