भारत एक ऐसी पावन एवं पुनीत भूमि है जो प्राचीन काल से महापुरूषों की जननी रही है। यहाँ पर अनेक साधु-संत, ऋषि मुनि, साधक, वीर सम्राट, समाज सुधारक व राष्ट्रभक्ति एवं देश प्रेम से ओतप्रोत महापुरुष अवतरित हुये जिन्होंने अपने जप-तप, संस्कारों, शौर्य व अदम्य साहस से प्रेरित आदर्श कृत्यों, विचारों द्वारा मानव समाज का मार्गदर्शन किया। ऐसे ही एक वीर पुरूष थे - लचित बड़फूकन।लचित बड़फूकन के जन्म के पीछे एक विचित्र कथा है।सर्दी की सुबह हो चुकी थी। सूर्य की किरणें धरती पर अपनी छटा बिखेरने वाली थीं। मोमई तामुली बरबरुआ दिनचर्यानुसार शाही बगीचों की देखरेख कर रहा