मस्त में रहने का फिल्म रिव्यू

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अकेलापन वर्तमान समय की एक बीमारी है जो हमारे जीवन में चाहे अनचाहे आने वाली है, कब और कैसे इसका अनुमान लगाना कठिन है पर जब यह अकेलापन आएगा तब हम कैसे इसके साथ जिएंगे इसका निर्णय हमें स्वयं करना होगा। मस्त में रहने का इसी अकेलेपन का उदाहरण है और कैसे इस फिल्म के पात्रों ने इसको स्वीकर किया और जिया इसपर फिल्म को रचनात्मक तरीके से दिखाया गया है। फिल्म एमेजॉन प्राईम पर है। एक बार देखने जैसी है।फिल्म में 3 अलग अलग कहानियां है, उन कहानियों के पात्र हैं और उनके जीवन का अकेलापन है जिससे वे