एक थी नचनिया - भाग(३०)

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जब हम सबने हवाई फायर सुना तो दंग रह गए और सबको अन्देशा हो गया था कि डकैत गाँव में आ चुके हैं और ये शादी का घर है तो शायद यहीं चोरी करने आएँ हैं और तभी काँधे पर बंदूक टाँगें,काले कुरते,सफेद धोती में,कमर में गोलियों की बेल्ट लगाएँ,सिर पर बड़ा साफा और माथे पर लाल तिलक लगाएँ हुए एक डाकू ने हमारे घर के आँगन में प्रवेश किया,जिसे देखकर सब भौचक्के रह गए और उसने कहा.... "कहाँ गए गजेन्द्र परिहार! कौन से बिल में घुसा बैठा है?", गजेन्द्र परिहार मतलब वो मेरे बाबूजी को पुकार रहा था,लेकिन उस