अन्धायुग और नारी - भाग(३४)

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मेरी पलकें झुकतीं देख वें मुझसे बोले... "अरे! आप तो शरमा गईं" "जी! मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है आपके मुँह से मेरी तारीफ़ सुनकर",मैंने कहा... "लेकिन वो क्यों भला"?,उन्होंने पूछा... "वो इसलिए कि आपने उस दिन मेरे लिए उन लफ्जों का इस्तेमाल किया था और आज ऐसा कह रहे हैं इसलिए",मैंने कहा.... "उस दिन मैंने आपका वो रुप देखकर वो लफ्ज़ कहे गए थे लेकिन आज जो मैं आपका ये रुप देख रहा हूँ तो मुझे बड़ी हैरानी हो रही है कि आप इस सादे लिबास और बिना गहनों के इतनी खूबसूरत भी लग सकतीं हैं",वें बोले.... "चलिए