इसके बाद परमार वहां से चला जाता है और भौमिक केबिन में बैठकर सुदीप शाह ने जो बातें डॉक्टर सक्सेना के बारे में बताई थी उन्हें याद करने लगता है। वो बार-बार सोच रहा था कि हार्ट पेशेंट का साइकोलॉजी से कोई कैसे इलाज कर सकता है। आखिर डॉक्टर सक्सेना को ऐसा क्या मिल गया था कि वो इतन अधिक श्योर थे कि वे इलाज कर सकते हैं। वे भारत आकर किस तरह का प्रयोग करना चाह रहे थे। कुछ देर ऑफिस में बैठे रहने के बाद भौमिक भी वहां से चला जाता है। दो दिन बीत गए थे। भौमिक