हवेली में सुराग की तलाश के दौरान भौमिक के दिमाग में कई बातें चल रही थी। हालांकि वो सिर्फ कयास ही लगा पा रहा था, क्योंकि उसके इन कयासों को हकीकत का स्वरूप देने के लिए कोई भी साक्ष्य उसके सामने नहीं था। ना तो कातिल का कोई चेहरा उसके सामने था और ना ही कत्ल करने की कोई वजह ही भौमिक को पता चल पा रही थी। कई घंटे तक हवेली के हर कोने को तलाशने के बाद भी भौमिक को एक बार फिर हवेली से खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा था। वो कुछ निराश था, क्योंकि इस