कलवाची--प्रेतनी रहस्य - भाग(७१)

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इसके पश्चात विपल्व चन्द्र उन सभी को कुछ सैनिकों के निरीक्षण में अपने संग अपने राज्य मगधीरा ले आया और उन्हें एक ऐसे स्थान पर बंदी बना दिया जो उसके राजमहल से अत्यधिक दूर था,वो एक कन्दरा थी,वो बाहर से देखने में कन्दरा की भाँति दिखाई देती थी,किन्तु वो कन्दरा नहीं थी,उस के भीतर एक बड़ा सा प्राँगण था एवं वहाँ एक कूप भी था,उस प्राँगण में ही विपल्व चन्द्र ने उन सभी को बंदी बनाकर रखा था,किन्तु यहाँ उसने एक धूर्तता कर दी थी,कालवाची और महाराज कुशाग्रसेन को उसने एक ही कारागार में रखा था एवं दूसरे में उसने