कलवाची--प्रेतनी रहस्य - भाग(६८)

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उस रात्रि रानी कुमुदिनी महाराज कुशाग्रसेन से मिलकर आ चुकी थीं और उन सभी ने बताया कि कितना बड़ा संकट आ पड़ा था उन सभी के ऊपर, किन्तु कालवाची ने अपनी सूझबूझ से उस समस्या का समाधान कर लिया और अब सभी के मध्य ये योजना बनने लगी कि अब कैसें भी करके महाराज कुशाग्रसेन और उनके माता पिता को उस बंदीगृह से मुक्त करा लिया जाए,किन्तु कैसें इसका उपाय सभी सोच ही रहे थे कि तभी कौत्रेय बोला.... "मेरे पास एक अद्भुत योजना है" "ओह...तो अब तुम भी योजना बनाने लगे",त्रिलोचना बोली.... "लो नहीं बताता योजना,मुझे ऐसा प्रतीत होता