सावन की तीज सुहाना मौसम और बारिश की पड़ती रिमझिम फुहार के बीच जब कभी सौरभ का फोन अमरीका से आ जाता सुरभी का मन मयूर नाचने लगता। सुरभी का मन सौरभ के बिन ससुराल में बिल्कुल नहीं लगता था पर करे भी क्या? अमरीका जाने के लिये उसके पेपर्स अभी तैयार ही नहीं हो पाये थे। उसके परिवार वालों ने मम्मी पापा ने कहा भी था कि पहले कोर्ट मेरिज करवा दते हैं| पेपर तैयार होने में आसानी