गुलदस्ता १८ ११३ इतना सुंदर नीला आसमान जैसे छाता पृथ्वी का बीच में लहराए सफेद बादल है खिलोना पृथ्वी का उडते फिरते पंछी देखकर जी ललचाए पृथ्वी का हवाँओं से छुना चाहे मन भर आये पृथ्वी का पालना घुमाए सुरज चंदा हिंदोला दे पृथ्वी का पेड वृक्ष