भारत की स्वतंत्रता के बिभिन्न आयाम एव नारी शक्ति का योगदान

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शीर्षक - भारत की स्वतंत्रता के विभिन्न आयाम एवं नारी शक्ति का योगदान -संदर्भ -किसी भी युग मे किसी भी समाज का अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना नारी शक्ति के अधूरा है यदि सनातन में ब्रह्मा विष्णु शंकर देव है तो सरस्वती,लक्ष्मी ,पार्वती तीन त्रिदेवियों नारि शक्ति बिना देव शक्ति संतुलित नही होती चूंकि ब्रह्म सत्ता निरपेक्ष एव विभेद रहित होती है अतः पूर्ण ब्रह्म को अर्ध नारीश्वर कहा जाता है।जितने भी अवतार या प्रवर्तक हुये है जिनके द्वारा समय समाज युग को नई दिशा दृष्टि प्रदान किया गया है उनका अस्तित्व ही