अक्षा अपने कानों से इयर प्लग निकाली तो कानों में मधुर संगीत सुनाई दिया उसके रोम रोम खड़े हुए साथ ही उसके कान उसे और सुनने को उत्सुक हुई तो वो अपने पैरों को रोक नहीं पाई और कमरे से निकल कर सीढ़ियां उतरी उस मधुर संगीत की दिशा में वो एक कमरे के दरवाजे पर ठहर गई और देखने लगी , कमरे में रणविजय प्यानो बजा रहा था ,अक्षा बिना अनुमति के अंदर आई और चुपचाप संगीत सुनते रणविजय के पीछे आकर खड़ी हुई...रणविजय ने जब प्यानों बजाना बंद किया और घूमने वाली चेयर से वो पीछे मुड़ा तो