लघुलेख विपत्तियों में स्वभाव - संस्कार सहायक स्वभाव और संस्कारों के विविध पहलुओं की चर्चा छिड़ जाय तो हर कोई अपना ज्ञान बघारने लगता है लेकिन अपने या अपने परिवार को वह शायद ही उसमें शामिल करता हो, या उदाहरण के रूप में पेश करता हो।जबकि लगभग हर कोई जानता है कि कोई भी बच्चा जब जन्म लेता है तो वह कच्ची गीली मिट्टी के समान ही होता है। जैसे कुम्हार कच्ची गीली मिट्टी को जैसे चाहे आकार दे सकता है, ठीक वैसे ही बच्चों के माता-पिता या परिवार के लोग अपने बच्चे को जिस भी रूप में ढालना चाहें,