उसके चुंगल से बच निकलने का कोई रास्ता नही था।उसका तथाकथित पति न जाने उसी की तरह कितनी औरतों को अपने जाल में फंसाकर वेश्यावर्ती का धंधा चला रहा था।चाहती तो वह थी उसके चुंगल से निकलना पर उसे कोई रास्ता,कोई उपाय कोई तरकीब नजर नही आ रही थी। पूरे दो साल तक वह वहाँ रही।रोज रात को कोई नया मर्द आता और पूरी रात उसके जिस्म से खेलता और चला जाता।दो साल बाद एक दूसरा आदमी उसे खरीद कर महू ले गया।वह आदमी शादी शुदा था।उसके बल बच्चे थे।इसलिए वह उसे अपने घर नही ले गया।उसे दूसरी जगह अपनी