अध्याय - 18 (कब्रिस्तान का जिन्न, भाग ५) By Mr. Sonu Samadhiya Rasik अशलम दुआ पढ़े हुए जल के गिलास को गिरा देता है और कमरे से बाहर चला जाता है। अशलम के अजीब बर्ताव को देख कर उसकी अम्मी को शक़ होता है। शायरा से बात करते हुए अशलम की अम्मी की नजर बेड पर पड़ी कपूर और केवड़े से सनी मिट्टी पर जाती है, जो शायरा के अनुसार अक्सर वहां रहती थी। अशलम की अम्मी को समझते देर नहीं लगी कि अशलम जिन्न की चपेट में आ चुका है। वह कमरे के बाहर देखती है तो कुरान शरीफ